Loan Against Property Without Income Proof: अगर आपके पास अपनी खुद की प्रॉपर्टी है लेकिन आपके पास इनकम प्रूफ नहीं है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आज के समय में कई बैंक और वित्तीय संस्थाएं ऐसे लोगों को भी लोन देती हैं जिनके पास सैलरी स्लिप या ITR नहीं होता। प्रॉपर्टी के दम पर आप बिना इनकम प्रूफ के भी करोड़ों रुपए का लोन ले सकते हैं। खासतौर पर छोटे बिजनेसमैन, दुकानदार, किसान या ऐसे लोग जो कैश में काम करते हैं उनके लिए यह बहुत बड़ी सुविधा है। इस आर्टिकल में हम आपको बहुत ही आसान भाषा में समझाने वाले हैं कि बिना इनकम प्रूफ के प्रॉपर्टी पर लोन कैसे मिलता है, कौन से बैंक देते हैं, कितना लोन मिल सकता है और क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं। पूरी जानकारी बिल्कुल सही और सरल तरीके से दी गई है ताकि किसी को भी समझने में कोई परेशानी न हो।
प्रॉपर्टी पर लोन बिना इनकम प्रूफ के कैसे काम करता है
इस तरह के लोन में बैंक आपकी सैलरी या इनकम की जगह आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू देखता है। बैंक सोचता है कि अगर आप लोन नहीं चुका पाए तो प्रॉपर्टी बेचकर अपना पैसा वसूल कर लेगा इसलिए उन्हें इनकम प्रूफ की उतनी जरूरत नहीं रहती। आपकी प्रॉपर्टी जितनी ज्यादा कीमत की होगी, उतना ज्यादा लोन मिल सकता है। आमतौर पर बैंक प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू का 50% से 70% तक लोन दे देते हैं। मतलब अगर आपकी प्रॉपर्टी 1 करोड़ की है तो आपको 50 लाख से 70 लाख रुपए तक का लोन आराम से मिल सकता है। यह लोन बिजनेस के लिए, घर बनाने के लिए, शादी के लिए या किसी भी जरूरत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और यही इस लोन की सबसे बड़ी खासियत है।
कौन से बैंक देते हैं बिना इनकम प्रूफ के लोन
ऐसे कई बैंक और NBFC हैं जो बिना इनकम प्रूफ के प्रॉपर्टी पर लोन देते हैं। इनमें HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank जैसे प्राइवेट बैंक शामिल हैं। इसके अलावा Bajaj Finserv, Tata Capital, Poonawalla Fincorp, InCred जैसी कंपनियां भी यह सुविधा देती हैं। कुछ सरकारी बैंक भी खास केस में यह लोन दे देते हैं लेकिन प्राइवेट बैंक और NBFC में यह प्रोसेस ज्यादा आसान और तेज होती है। इन बैंकों की खासियत यह है कि वे प्रॉपर्टी की वैल्यू को ज्यादा महत्व देते हैं और कम से कम पेपरवर्क में लोन पास कर देते हैं जिससे छोटे बिजनेसमैन या दुकानदार जैसे लोगों को बहुत फायदा होता है।
कितना लोन मिल सकता है और कितनी ब्याज दर
बिना इनकम प्रूफ के प्रॉपर्टी पर आपको न्यूनतम 10 लाख रुपए से लेकर 5 करोड़ रुपए तक का लोन मिल सकता है। कुछ बड़े बैंक तो 10 करोड़ तक भी दे देते हैं अगर प्रॉपर्टी की वैल्यू बहुत ज्यादा हो। ब्याज दर की बात करें तो यह थोड़ी ज्यादा होती है क्योंकि बैंक को थोड़ा रिस्क रहता है। आमतौर पर 9% से 15% तक सालाना ब्याज लगता है जो आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू, लोकेशन और लोन की रकम पर निर्भर करता है। लोन की अवधि 5 साल से लेकर 20 साल तक हो सकती है जिसमें आप आसान किस्तों में पैसा चुका सकते हैं। अगर आप समय पर EMI भरते रहते हैं तो बैंक आपको भविष्य में और भी आसानी से लोन दे सकता है।
कौन सी प्रॉपर्टी पर मिलता है यह लोन
इस लोन के लिए आपके पास रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी होना जरूरी है मतलब घर, फ्लैट, प्लॉट या बिल्डिंग। कमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे दुकान, ऑफिस, गोडाउन पर भी यह लोन मिल सकता है लेकिन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी पर ज्यादा आसानी से मिलता है। सबसे जरूरी बात यह है कि प्रॉपर्टी आपके नाम पर रजिस्टर्ड होनी चाहिए और उस पर कोई पुराना लोन नहीं होना चाहिए। अगर पुराना लोन है तो पहले उसे क्लोज करना पड़ेगा या फिर बैलेंस ट्रांसफर करके नया लोन लेना पड़ता है। प्रॉपर्टी साफ सुथरी होनी चाहिए मतलब किसी केस या विवाद में नहीं फंसी होनी चाहिए नहीं तो बैंक लोन नहीं देगा। इसीलिए बैंक वाले प्रॉपर्टी का पूरा लीगल वेरिफिकेशन करते हैं जो 7 से 15 दिन में हो जाता है।
क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं
बिना इनकम प्रूफ के लोन में भी कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट तो चाहिए होते हैं। सबसे पहले तो आपकी पहचान के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो चाहिए। फिर एड्रेस प्रूफ के लिए बिजली का बिल, राशन कार्ड या कोई भी सरकारी डॉक्यूमेंट चाहिए। सबसे जरूरी है प्रॉपर्टी के कागजात जैसे सेल डीड, रजिस्ट्री, टैक्स रिसीप्ट, प्रॉपर्टी कार्ड और प्लान की कॉपी। कुछ बैंक 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट भी मांगते हैं ताकि उन्हें पता चले कि आपके अकाउंट में कुछ ट्रांजेक्शन होती रहती है। अगर आप बिजनेसमैन हैं तो बिजनेस का प्रूफ जैसे GST नंबर, शॉप लाइसेंस या ट्रेड लाइसेंस भी काम आ सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं होता। कुल मिलाकर डॉक्यूमेंटेशन बहुत ज्यादा नहीं है इसलिए आम आदमी के लिए यह लोन लेना काफी आसान हो जाता है।
लोन की पूरी प्रोसेस कितने दिनों में पूरी होती है
इस लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बहुत तेजी से मिल जाता है। सबसे पहले आप बैंक या NBFC में जाकर या ऑनलाइन अप्लाई करते हैं। फिर बैंक की टीम आपकी प्रॉपर्टी को देखने आती है और उसकी वैल्यू का अनुमान लगाती है जिसे टेक्निकल वेरिफिकेशन कहते हैं। साथ ही लीगल टीम प्रॉपर्टी के सभी कागजात चेक करती है कि सब कुछ सही है या नहीं। अगर सब कुछ सही मिल जाता है तो 7 से 21 दिन के अंदर आपका लोन अप्रूव हो जाता है और पैसा आपके अकाउंट में आ जाता है। कुछ NBFC तो 72 घंटे में भी लोन दे देती हैं अगर प्रॉपर्टी और डॉक्यूमेंट बिल्कुल सही हों। यह स्पीड उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जिन्हें अचानक बड़ी रकम की जरूरत पड़ जाती है जैसे बिजनेस में निवेश, मेडिकल इमरजेंसी या कोई जरूरी काम।
किसके लिए सबसे फायदेमंद है यह लोन
यह लोन उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है जो अपना खुद का बिजनेस करते हैं और उनके पास ITR या सैलरी स्लिप नहीं होती। छोटे दुकानदार, ठेकेदार, किसान, फ्रीलांसर, कमीशन एजेंट जैसे लोग जो कैश में काम करते हैं उनके लिए यह बहुत बड़ी राहत है। इसके अलावा जिन लोगों की उम्र ज्यादा हो गई है और वे रिटायर हो चुके हैं लेकिन उनके पास प्रॉपर्टी है तो भी यह लोन मिल सकता है। बहुत से लोग अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए या शादी के लिए भी यह लोन लेते हैं क्योंकि ब्याज दर पर्सनल लोन से काफी कम होती है और रकम भी बहुत बड़ी मिल जाती है। मतलब किसी भी बड़ी जरूरत के लिए यह एक शानदार और सुरक्षित विकल्प बन जाता है।
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
इस लोन को लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सबसे पहले तो यह समझ लें कि अगर आप लोन नहीं चुका पाए तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी नीलाम कर सकता है इसलिए सिर्फ उतना ही लोन लें जितना आप चुका सकें। EMI की रकम इतनी रखें कि आपकी महीने की कमाई में से आराम से निकल सके। दूसरी बात यह है कि अलग-अलग बैंकों की ब्याज दर और चार्जेज जरूर चेक करें क्योंकि कुछ बैंक हिडन चार्जेज भी लगाते हैं। प्रोसेसिंग फीस, लीगल चार्जेज, वैल्यूएशन फीस सब कुछ पहले से पूछ लें। तीसरा सबसे जरूरी है कि किसी भी लोन एजेंट से सावधान रहें जो आपको झूठे वादे करके बड़ी फीस मांगे। हमेशा सीधे बैंक या NBFC की ऑफिशियल ब्रांच में जाएं या उनकी वेबसाइट से अप्लाई करें।
Disclaimer
यह आर्टिकल केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। ब्याज दर, लोन राशि और नियम अलग-अलग बैंकों में अलग हो सकते हैं और समय के साथ बदल भी सकते हैं। किसी भी लोन को लेने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का सही आकलन करें और बैंक की सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें। प्रॉपर्टी गिरवी रखने से पहले परिवार से जरूर सलाह लें और सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही लोन लें।